राजद की रैली में शरद यादव करे शिरकत, जदयू नेताओं की ये चाहत
पटना: जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव से पार्टी नेताओं आग्रह किया है कि वो आगामी रविवार को आयोजित राष्ट्रीय जनता दल की रैली में भाग ना लें और दूसरी तरफ पार्टी का एक तबक़ा चाहता है कि शरद यादव भाग लें और नीतीश कुमार को निशाने पर रखकर जमकर भाषण दें। जनता दल यूनाइटेड के ऐसे नेता कोई शरद यादव के शुभचिंतक नहीं बल्कि उनके कट्टर विरोधी हैं। इनका मानना है कि शरद यादव ने यदि राजद की रैली में हिस्सा लिया और भाषण दिया तब उनकी सदस्यता रद्द कराने का उनके पास पुख़्ता आधार होगा। हालांकि अभी भी उनके पास साझा विरासत और जन अदालत के बैनर तले शरद के भाषण हैं जिसमें नीतीश मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।
दरअसल पार्टी शरद यादव को निलंबित नहीं करना चाहती क्योंकि तब पार्टी को उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए हर बार राज्य सभा में व्हिप के उल्लंघन का इंतजार करना होगा और बर्खास्त कर देने से शरद अपनी राह चलने को स्वतंत्र होंगे।पार्टी की पुरज़ोर कोशिश है कि जब शरद ने भी नीतीश के साथ नहीं रहने का मन बना लिया है तब उनकी सदस्यता रद करके उनसे पूरा नाता रिश्ता खत्म किया जाए.
संविधान के 10वीं अनुसूची के क्लॉज 2 में इस बात की विस्तार से चर्चा है कि किसी सदन के सदस्य की सदस्यता सदन के बाहर उनके पार्टी विरोधी आचरण के कारण जा सकती हैं. इस आधार पर भाजपा के बिहार से राज्यसभा सांसद जय नारायण निषाद, जनता दल यूनाइटेड के उपेंद्र कुशवाहा और बिहार विधान परिषद के कई सदस्यों की सदस्यता जा चुकी हैं.
हालांकि इस आधार पर उस समय लोक सभा के सांसद ललन सिंह की भी सदस्यता रद्द करने के लिए लोक सभा अध्यक्ष मीरा कुमार के पास जनता दल यूनाइटेड ने याचिका दी थी लेकिन 2010 के विधानसभा चुनाव में ललन सिंह ने कांग्रेस पार्टी की मदद के लिए पार्टी के ख़िलाफ़ विद्रोह किया था इसलिए उनकी सदस्यता रद्द होने से बच गई। फ़िलहाल जनता दल यूनाइटेड को उम्मीद है कि राज्य सभा के नए सभापति वेंकैया नायडू, शरद के ख़िलाफ़ फ़ैसला देने में देरी नहीं करेंगे.
हालांकि पार्टी ने दूसरे सांसद अली अनवर के प्रति भी कोई नरमी दिखाने से इनकार किया है। पार्टी के नेता अली अनवर के बयान और व्यवहार से ज़्यादा ख़फ़ा हैं। अनवर की सदस्यता अगर जाती है तब शायद राज्य सभा में एक टर्म की पेंशन से भी उन्हें हाथ धोना पर सकता है।