पैसे भी मिल रहे फिर भी जिम नहीं जा रहे लोग

पैसे भी मिल रहे फिर भी जिम नहीं जा रहे लोग

वॉशिंगटन। कहते हैं पहला सुख निरोगी काया और इसके लिए सभी को एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। मगर, एक नए अध्ययन में सामने आया है कि पैसे देने के बाद भी कुछ लोग जिम में नहीं जाते हैं। अमेरिका के एक प्राइवेट जिम के 800 से अधिक लोगों पर एक नया प्रयोग किया गया।

नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च वर्किंग पेपर में दिए गए नतीजों के अनुसार, जब लोग पहले से ही व्यायाम करने के लिए प्रेरित थे, तो उन्हें टाइमिंग इंसेटिव्स दिया गया। इसके बावजूद यह प्रोत्साहन हेल्दी बिहेवियर शुरू करने में अप्रभावी साबित हुए। ओहियो के केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी के वेदरहेड स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर मारियाना कैरेरा इस अध्ययन की को-ऑर्थर हैं।

उन्होंने कहा कि वे नियमित रूप से व्यायाम करना चाहते थे। मगर, इनाम दिए जाने के बाद भी उनका व्यवहार उनके इरादों से मेल नहीं खाता था। लोगों को लगता था कि इंसेंटिव्स को हासिल करना आसान होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

मेंबर्स को हफ्ते में तीन दिन जिम जाना था| लेकिन वे औसतन एक दिन ही जिम में जा रहे थे। यह अध्ययन छह हफ्तों तक किया गया। प्रतिभागियों से वादा किया गया था कि अध्ययन के दौरान कुल नौ बार जिम जाने (हफ्ते में 1.5 बार) पर उन्हें तीन में से कोई एक इनाम जरूर दिया जाएगा, जिसमें 30 डॉलर का अमेजन गिफ्ट कार्ड, ब्लेंडर या उसके बराबर की कीमत का कोई आइटम या 60 डॉलर का अमेजन गिफ्ट कार्ड दिया जाएगा।

पहले हफ्ते के बाद 14 फीसद लोग दोबारा जिम में आए ही नहीं। जिन लोगों को इंसेंटिव्स दिए गए थे, उनके छठवें हफ्ते में जिम जाने में थोड़ी बढ़ोत्तरी देखी गई क्योंकि प्राइज हासिल करने के लिए यह आखिरी मौका था। कुल मिलाकर जिन लोगों को कोई पुरस्कार नहीं दिए जाने का वादा किया गया था, उनकी तुलना में जिन लोगों को इंसेंटिव्स दिए गए थे, वे महज 0.14 फीसद अधिक बार जिम आए।

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