मुंबई के फिल्मकारों को भा रही है दिल वालों की दिल्ली शूटिंग के लिए आवेदनों में 4 गुना इजाफा

लुटियंस दिल्ली की चौड़ी सड़कें, पुरानी दिल्ली की संकरी गलियां, एतिहासिक धरोहर…कुतुब मीनार, लाल किला, तुगलकाबाद, हुमायूं का मकबरा, राष्ट्रपति भवन, कनॉट प्लेस, खान मार्केट…..नाम लेने का सिलसिला शुरू हो तो ऐसी जगहों की लंबी फेहरिस्त है जिन पर दिल्ली को नाज है और बालीवुड का राज है। यानी फिल्म निर्देशकों को दिल्ली खासा आकर्षित कर रही है। तभी इस वर्ष तकरीबन 40 से अधिक फिल्मों की शूटिंग यहां हुई।

बात अब सिर्फ दिल्ली की धरोहर यहां के इतिहास तक सिमट कर नहीं रह गई है। अब दिल्ली की हर गली, झुग्गी, नुक्कड़ फिल्म निर्माताओं के लिए बेस्ट शूटिंग स्पॉट बन रहे हैं। दिल्ली फिल्मों की शूटिंग में ही नहीं कहानियों में भी है।

यहां की सर्दी जो बॉलीवुड के सितारों को हमेशा ही पसंद रही है उसमें तो लाइट-कैमरा और एक्शन का सिलसिला और बढ़ जाता है। उसी का परिणाम है कि इस वर्ष फिल्म शूटिंग आवेदन में चार गुना बढ़ोतरी हुई है।

दिल्ली पर्यटन विभाग ने फिल्म शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए चुने गए बेस्ट शूटिंग स्पॉट को गोवा अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में भी प्रदर्शित किया।

30 से ज्यादा जगहें चिन्हित

दिल्ली पर्यटन विभाग के प्रवक्ता सुधीर सोबती कहते हैं कि भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक प्रयास किया था। जिसके तहत सर्कुलर जारी कर सभी राज्यों को शूटिंग के लिए उपयुक्त जगहों को चिन्हित करने के लिए कहा गया था।

दिल्ली सरकार ने पर्यटन विभाग को दिल्ली में नोडल एजेंसी बनाया है। पर्यटन विभाग ने फिल्म शूटिंग प्रमोशन के लिए अलग सेल भी बनाया हुआ है।

विगत वर्षों में मुंबई, गोवा समेत अन्य जगह होने वाले फिल्म फेस्टिवल में भी पर्यटन विभाग फिल्म शूटिंग को प्रमोट करता है। हाल ही में गोवा में संपन्न हुए अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में डॉक्यूमेंट्री भी प्रस्तुत की गई थी।

महोत्सव में भारतीय फिल्म विकास निगम के फिल्म बाजार में भी दिल्ली ने शिरकत की। विभाग फिल्म शूटिंग में आने वाली अड़चनों को दूर करने के मकसद से एक नई वेबसाइट भी तैयार कर रहा है। जिस पर आवेदन मात्र से सभी विभागों से अनुमति मिल जाएगी।

फिलहाल विभाग ने दिल्ली में फिल्म शूटिंग की अनुमति देने वाले 16 विभागों में नोडल अधिकारी की नियुक्ति सुनिश्चित कराई है।

दिल्ली की चौड़ी सड़कें फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करती हैं। यहां हर तरह की फिल्म की शूटिंग के हिसाब से सब्जेक्ट के हिसाब से जगहें मिल जाती है।

बेस्ट शूटिंग स्पॉट 

-पुराना किला
-उग्रसेन की बावली।
-अरब की सराय।
-हजरत निजामुद्दीन।
-फिरोज शाह कोटला।
-लोदी गार्डन।
-जमाली-कमाली मस्जिद।
-दिल्ली गेट।
-पुराना किला।
-जामा मस्जिद।
-हुमायूं का मकबरा।
-लोटस टैंपल।
-सलीमगढ़ किला।
-राजा की बावली।
-गंधक की बावली।

विषयों के हिसाब से शूटिंग स्पॉट

जानकारों की मानें तो दिल्ली में पहली बार कहानियों के हिसाब से जगहों का वर्गीकरण भी किया जा रहा है। यानी फिल्मी विषयों की श्रेणी बनाई जा रही है। इन श्रेणियों के तहत शूटिंग के लिए जगहें चिन्हित की जाएंगी और फिर निर्माता, निर्देशकों से शूटिंग करने की गुजारिश की जाएगी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यदि खाने की विषय वस्तु लिए फिल्म बनें या फिर फिल्म में खाने का सीन हो तो इसके लिए चांदनी चौक, जामा मस्जिद, सीताराम बाजार व अन्य बाजार उपयुक्त रहेंगे।

इसी तरह बाजारों के सीन फिल्मानें के लिए करोल बाग, सीपी, खान मार्केट, सरोजनी नगर, लाजपत नगर से उपयुक्त भला कौन से बाजार होंगे। ऐतिहासिक फिल्मों के लिए भी उपयुक्त जगहों की सूची तैयार कर निर्माताओं को दिखाई जाएंगी।

दिल्ली की हर अदा पसंद

तनु वेड्स मनु, तनु वेड्स मनु रिटर्न और रांझणा जैसी फिल्म बना चुके निर्देशक आनंद एल राय कहते हैं कि मेरी परवरिश दिल्ली में हुई है।

पुरानी दिल्ली की गलियां भला कैसे भूल सकता हूं। शायद यही कारण है कि मेरी फिल्मों के किरदारों का ताना बाना दिल्ली के इर्द गिर्द बुना जाता है।

अब तो मेरे क्रू के सदस्य भी यह कहकर मजाक करते हैं कि शूटिंग लोकेशन दिल्ली में खाने वाली प्रसिद्ध जगहों के इर्द गिर्द होता है।

दिल्ली का ही असर है कि मेरी फिल्मों के पात्र पिकनिक के लिए भी दिल्ली जू ही जाते हैं। वहीं इम्तियाज अली मानते हैं कि हिंदू कॉलेज के थियेटर, नेशनल स्कूल आफ ड्रामा से जुड़ाव रहा।

अरविंद गौड़, मनोज वाजपेयी, पीयूष मिश्रा से एनएसडी में ही मुलाकात हुई। दिल्ली मेरे दिलो दिमाग में बसी है, तभी तो रॉकस्टार, हाईवे, लव आज कल के किरदार दिल्ली से जुड़े हैं। राजकुमार हिरानी पीके फिल्म को दिल्ली और खुद के जुड़ाव में मील का पत्थर मानते हैं।

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स्पेशल 26, बेबी, एमएस धौनी जैसी बेहतरीन फिल्में बनाने वाले नीरज पांडेय कहते हैं कि इन फिल्मों की दिल्ली में शूटिंग के यहां से एक रिश्ता बन गया। राकेश ओम प्रकाश मेहरा भी दिल्ली-6, भाग मिल्खा भाग फिल्मों की शूटिंग के लिए दिल्ली को ही सबसे ज्यादा उपयुक्त मानते हैं।

र्ष 2013 में फिल्मों की शूटिंग के सिर्फ आठ से दस आवेदन मिले थे। इसके बाद चिंतित सरकार ने सिंगल विंडो प्रणाली के तहत आवेदनों को मंजूरी देने की कोशिशें शुरू की।

इस साल अब तक 40 फिल्मों के आवेदन आ चुके हैं। विगत वर्ष फिल्म शूटिंग फीस बढ़ाए जाने के बाद आवेदनों की संख्या में बढ़ोतरी से खुद सरकारी विभाग भी हैरान हैं।

फिल्मकारों को आकर्षित करती विविधता

प्रोड्यूसर की मानें तो दिल्ली हर लिहाज से फिट बैठती है। यहां ऐतिहासिक स्थल भी हैं, झुग्गी झोपड़ी भी, लुटियंस दिल्ली में चौड़ी सड़कें आसानी से मिल जाती हैं तो वहीं पुरानी दिल्ली की तंग गलियां एवं पुराने मकान परफेक्ट शूटिंग लोकेशन हैं।

यहां देश के लगभग हर कोने से आए लोग रहते हैं। इनकी कहानियां, संस्कार एवं संस्कृति भी फिल्मकारों को आकर्षित करती हैं। उग्रसेन की बावली, तुगलकाबाद किला सर्वाधिक पसंदीदा जगहों में शुमार हैं। कनॉट प्लेस में भीड़ की वजह से फिल्मकार किनारा करने लगे हैं।

फिल्मकारों की परेशानी नहीं हुई कम

लाइन प्रोड्यूसरों की मानें तो वर्तमान में फिल्म शूटिंग के लिए 17-18 एजेंसियों से अनुमति लेनी पड़ती है। प्रत्येक एजेंसी कम से कम 7 से 10 दिन में अनुमति देती हैं। ऊपर से फीस भी 40 फीसद से ज्यादा बढ़ाई गई है। कई एजेंसियों के पास तो गाइड लाइंस तक नहीं हैं।

अप्रैल महीने में दिल्ली पर्यटन विभाग द्वारा सभी 18 स्टॉक होल्डर संग हुई बैठक में यह मसला उठा था। तब कहा गया था कि जिन एजेंसियों के पास अब तक शूटिंग के गाइड लाइंस नहीं हैं वो जल्द बनाएं एवं 10 दिन के अंदर अनुमति देना सुनिश्चित करे।

निर्माताओं को भा रही दिल्ली 

दिल्ली में लाइन प्रोड्यूसर रवि सरीन कहते हैं कि दिल्ली हर लिहाज से फिट बैठती है। यहां हर विषय के लिए लोकेशन मौजूद है। बकौल रवि, रांझणा फिल्म की शूटिंग आइटीओ पर इंद्रप्रस्थ की झुग्गियों में भी शूट की गई थी।

हाल ही में शेख सराय के डीडीए मार्केट में आयुष्मान खुराना अभिनीत शुभ मंगल सावधान फिल्म की शूटिंग हुई थी। जबकि परिणीत चोपड़ा और अर्जुन कपूर अभिनीत संदीप और पिंकी फरार की शूटिंग सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर हो रही थी।

जिसका पैकअप 29 नवंबर को ही हुआ, जबकि ऋषि कपूर की राजमा चावल की शूटिंग चांदनी चौक, जामा मस्जिद की गलियों में अभी हो रही है। दरअसल, यहां शूटिंग के लिए जगह के साथ-साथ स्टाफ सपोर्ट, शूटिंग के इक्यूपमेंट, एडीटिंग की सुविधा भी मिल जाती है।


विभिन्न विभागों द्वारा वसूला जाने वाला शुल्क 
-दिल्ली सरकार अधीन क्षेत्रों में 75 हजार प्रतिदिन के हिसाब से।
-एएसआइ-50 हजार प्रतिदिन
-नई दिल्ली नगर पालिका परिषद- तालकटोरा गार्डन, नेहरू पार्क, लोदी गार्डन, संजय झील पार्क में प्रतिदिन 1 लाख रुपये, 50 हजार सिक्योरिटी मनी।
-सेंट्रल पार्क रोड पर शूटिंग के लिए 50 हजार प्रतिदिन।
-लुटियंस दिल्ली में सड़क किनारे शूटिंग के लिए 1 लाख प्रतिदिन।

दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन 
-इन साइड मेट्रो-2 लाख प्रतिघंटे
-अपेक्षाकृत कम भीड़ वाले रूट पर मेट्रो के अंदर : 1 लाख रुपये प्रतिघंटे
-कम भीड़ वाली मेट्रो रूट पर मेट्रो के अंदर : 75 हजार
-दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर डायल द्वारा 5 लाख प्रति चार घंटे की दर से।
-केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा सी हेक्सागन के लॉन में शूटिंग के लिए 50 हजार प्रतिदिन।
-शूटिंग में दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल की तैनाती के लिए प्रतिदिन 1465 एवं हेड कांस्टेबल के लिए 1495 रुपये एकमुश्त राशि वसूलते हैं।

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2017 में आए आवेदन 
-पल पल दिल के पास।
-अक्टूबर
-रंगबाज।
-शुभ मंगल सावधान।
-सोनू के टीटू की स्वीटी।
-बैडमैन।

ये भी रहीं चर्चा में

-श्रीदेवी अभिनीत : मॉम।
-इरफान खान अभिनीत : ङ्क्षहदी मीडियम।
-शाहरुख खान की : फैन।
-सलमान खान की : बजरंगी भाईजान।
-आमिर खान की : पीके एवं दंगल।
-अमिताभ बच्चन की : ‘पिंक’

 

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