ऐसा मंदिर जहां पुरुषों का आना है मना( A temple where men entry is banned): भारत एक विविध धर्मोॆं वाला देश हैं। यहां अमूमन हर जाति और धर्म के लोग आपको मिल ही जाएंगे। हर धर्म के लोगों की अपनी- अपनी मान्यताएं हैं और अपने- अपने रिवाज हैं। हमारे देश में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्नवारे और चर्च जैसे धार्मिक स्थल तो आपको हर जगह देखने को मिल जाएंगे। हर धार्मिक स्थलों की भी अपनी अलग- अलग कहानियां और मान्यताएं होती हैं। कई बार आपने ये तो जरूर सुना होगा कि हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं जहां महिलाओं के जाने पर प्रतिबंध है। वहां औरंतों का जाना अच्छा नहीं माना जाता। लेकिन क्या आपने कभी ये सुना है कि एक ऐसा मंदिर भी है जहां पुरुषों के जाने पर मनाही हैं, जी हां हमारे देश में एक ऐसा मंदिर भी है जहां पुरुषों का प्रवेश निषेध है।
ऐसा मंदिर जहां पुरुषों का आना है मना ( A temple where men entry banned)
ये मंदिर है केरल के कोल्लम जिले में। कोत्तानकुलांगरा देवी मंदिर पूरे देश में इसलिए मशहूर है क्योंकि यहां पुरुषों का आना मना है। पुरुष इस मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते।
इस मंदिर में केवल महिलाओं को ही आने की इजाजत है।
पुरुषों का मंदिर में प्रवेश करना सख्त मना है, यहां तक कि मंदिर में किन्नर भी पूजा- अर्चना के लिए जा सकते हैं।
किन्नरों के मंदिर में प्रवेश पर मनाही नहीं है।
ऐसा मंदिर जहां पुरुषों का आना है मना, अंदर जाने के लिए करना पड़ता है ये सब
दरअसल कोत्तानकुलांगरा देवी मंदिर की प्रथा है कि इसमें पूजा करने के लिए केवल महिलाएं ही जा सकती हैं।
अगर पुरुषों को इस मंदिर में जाना है तो उन्हें एक महिला के कपड़े पहनकर जाना पड़ता है।
पुरुष महिला के कपड़े पहनकर ही मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं।
इस मंदिर की विशेष प्रथा ये है कि यहां प्रवेश के लिए पुरुषों को ना केवल महिलाओं के तरह कपड़े पहनने होते हैं, बल्कि सोलह श्रृंगार भी करना पड़ता है।
उन्हें आंखोंं में काजल, होठों पर लिपस्टिक से लेकर बालों में फूल और गजरा तक लगाना पड़ता है।
श्री कोत्तानकुलांगरा देवी मंदिर में हर साल चाम्याविलक्कू त्योहार मनाया जाता है, जिसमें हजारों पुरुष भक्त आते हैं।
इस त्योहार के दौरान पुरुषों को मंदिर में ही मेक-अप का पूरा सामान मिल जाता है।
यहां उनके तैयार होने के लिए साड़ी, गहने और मेकअप के लिए गजरा तक रखा होता है।
जब तक पुरुष यह 16 श्रंगार न कर लें तब तक वो इस मंदिर में यह त्योहार नहीं मना सकते।
श्री कोत्तानकुलांगरा देवी मंदिर की एक और खास बात है कि मंदिर के ऊपर कोई छत नहीं हैं।
यह इस राज्य का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसके गर्भगृह के ऊपर छत और कलश नहीं हैं।
ऐसी मान्यता है कि कुछ चरवाहों ने जब इस मूर्ति को पहली बार देखा था तो उन्होंने महिलाओं के कपड़े पहनकर पत्थर पर फूल चढ़ाए थे, जिसके बाद उस पत्थर से दिव्य शक्ति निकलने लगी।
इसके बाद इसे मंदिर का रूप दिया गया।
एक मान्यता यह भी है कि कुछ लोग पत्थर पर नारियल फोड़ रहे|
थे और इसी दौरान पत्थर से खून निकलने लग गया। जिसके बाद से यहां की पूजा होने लगी। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में देवी की मूर्ति खुद ब खुद प्रकट हुई थी।