Sun Live News

डील कैंसिल करने का कारण जानकर आप भी चौंक जाओगे !

Sun News

केंद्र में जबसे नरेंद्र मोदी जी ने सत्ता संभाली है तभी से वह भारत को हर क्षेत्र में शीर्ष पर लाने का प्रयास कर रहे हैं. पीएम मोदी जी की ही मेहनत है जो भारत दिन दिन तरक्की कर रहा है और भारत की विश्व स्तरीय पहचान बन रही है. पीएम मोदी भारत में हर तकनीक को स्वदेशी बनाने में लगे हुए हैं. बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने इजरायल के साथ में हुए 500 मिलियन डॉलर की डील को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रद्द कर दिया है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत और इजरायल के बीच यह डील मैन-पॉर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) के लिए हुई थी. भारत को इस तरह की मिसाइल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम बनाने वाली कंपनी सप्लाई करने वाली थी. भारत का इस मिसाइल के सौदा होने के बाद रक्षा मंत्रालय को ऐसा लगने लगा कि इस तरह की मिसाइल बनाने के लिए भारतीय कंपनी भी 3-4 साल में बनाने में सक्षम हो जाएगी वो भी बिना किसी दूसरे देश की मदद से.

गौरतलब है कि स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) को भारत में बनाने के लिए हैदराबाद अगस्त महीने में एक सुविधा केंद्र का उद्घाटन किया था. फेल एडवांस्ड डिफेन्स सिस्टम अब इस तरह की मिसाइल का निर्माण भारत में ही करेगा. इंडियन एक्सप्रेस की आयी रिपोर्ट के अनुसार यह डील रद्द होने के सबसे अहम कारण यह है कि अब भारत सरकार स्वदेशी हथियार विकसित करने में लगी हुई है. विदेशी एटीजीएम बनाने वाली कंपनियों से भारत की देशी रक्षा कंपनी (डीआरडीओ) के प्रयासों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

स्वदेशी कंपनी (डीआरडीओ) ने भारत को अनामिका और नाग जैसी सफल मिसाइल दी हैं. (डीआरडीओ) ने भरोसा जताया है कि वह एमपीएटीजीएम जैसी मिसाइल भी अगले 3-4 दिन साल में सेना को देने में कामयाब होगी. इसी के साथ (डीआरडीओ) ने कहा है इसके लिए हमें किसी भी दूसरे देश की तकनीक का सहारा भी नहीं लेना पड़ेगा.

आरडीओ देश को नाग और अनामिका जैसे सफल मिसाइल दे चुका है। रिपोर्ट के अनुसार डीआरडीओ को भरोसा है कि वो अगले 3 से 4 साल में सेना को एमपीएटीजीएम मिसाइल भी देने में कामयाब रहेगा। इसके लिए उसे किसी दूसरे देश से तकनीक लेने की भी जरूरत नहीं होगी। एटीजीएम मिसाइलें जिससे दिन व रात दोनों समय दुश्मनों का खात्मा किया जा सकता है. इसकी मारक क्षमता 2.5 किलोमीटर तक है.

Exit mobile version