क्या संतोष महतो हो सकते हैं नितीश कुमार के ट्रम्प कार्ड ? – पुरे बिहार में अतिपिछड़ा सम्मलेन जोड़ो पर है और जदयू इस आयोजन में कोई कसर नहीं छोड़ रही। मुख्यमंत्री नितीश कुमार के करीबी और सांसद RCP सिन्हा इसका नेतृत्व की भूमिका में दिख रहे हैं। रोड शो के करते हुए 14 जुलाई को सिन्हा छपरा के तरैया विधान सभा में रामबाग मेले में सभा को सम्बोधित करेंगे। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अतिपिछड़ा सम्मलेन आगामी लोकसभा और विधान सभा दोनों चुनाव में निर्णायक भूमिका निश्चित तौर पर निभाएगी।

Santosh Mahto may be trump card of Nitish kumar
अतिपिछड़ा समाज और वोटरों को लुभाने के लिए जदयू द्वारा किया ये प्रयास अब आगे कि उनकी रणनीति और अतिपिछड़ा कि विधान सभा और लोकसभा में अतिपिछड़ा समाज से जुड़े व्यक्तियों को टिकट बंटवारे के साथ उनकी भागीदारी पर निर्भर करती है। किसी भी पार्टी द्वारा अतिपिछड़ा को तरजीह आज तक न देना जदयू के लिए एक सुनहरा मौका हो सकता है और ये कयास लगायी जा रही है कि इस सम्मलेन के बहाने मुख्यमंत्री नितीश कुमार अतिपिछड़ा को तरजीह के साथ विधान सभा से लेकर लोकसभा तक पहुंचाने का ठान चुके है।
छपरा जिला में विधान सभा कि बात करे तो स्थानीय सूत्रों से ये ज्ञात होता है कि तरैया, अमनौर, परसा, महाराजगंज, सोनपुर जैसे ऐसे कई विधानसभा है जहाँ अतिपिछड़ा कि वोट हमेशा से निर्णायक भूमिका में रही है परन्तु किसी भी पार्टी द्वारा इन विधान सभाओं में कभी तरजीह या ख़ास भाव नहीं दिया गया। जदयू द्वारा चलाये गए इस मुहीम के से अतिपिछड़ा में जागरूकता राजनितिक भागीदारी को लेकर बढ़ती नजर आ रही है और इसमें कोई दोराय नहीं कि अन्य पार्टियां भी अतिपिछड़ा को इस बार के चुनाव में अधिक से अधिक टिकट देकर गेंद अपने पाले में डालना चाहेगी।
जैसा कि छपरा में अतिपिछड़ा सम्मलेन तरैया में होना सुनिश्चित है तो एक नजर आज डालते हैं तरैया विधान सभा के जातिगत और कुल वोटो पर –
कुल वोट – 265000
अतिपिछड़ा – 165000
अन्य – 100000
ऐसे में एक नाम से काफी उम्मीद जताई जा रही है जो जदयू के अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष महतो। जिनकी प्रदेश से लेकर विधान सभा में भी काफी पैठ के साथ जनता के साथ सीधा संपर्क है और स्थानीय सूत्र भी इस बात कि पुष्टि करते हैं। अतिपिछड़ा समाज के नोनिया समाज से आने वाले संतोष महतो का पारिवारिक पृष्ठभूमि भी जनता के काफी करीब रहा है। गरीब और लाचारों के सुख दुःख में भागीदारी निभाने वाले महतो नितीश कुमार के लिए ट्रम्प कार्ड प्रतीत हो सकते है। अतिपिछड़ा सम्मलेन में भी इनकी सक्रियता पुरे जिले स्तर पर देखने को आये दिन मिल रही है|

जिस नोनिया समाज से सतोष महतो आते हैं केवल उस समाज का ही वोट यहाँ करीब 75000
स्थानीय सूत्रों और जनता के हवाले से ये भी ज्ञात हुवा कि अगर संतोष महतो इस बार जदयू से प्रत्यासी नहीं भी हुए तो जनता उन्हें निर्दलीय चुनाव जिताकर विधानस आभा भेजने का कार्य करेगी। पुरे विधान सभा के वोट पर नजर डाले तो अतिपिछड़ा कि राजनितिक भागीदारी का यहाँ न होना सही में अफसोसजनक है और सबसे आश्चर्य कि जिस नोनिया समाज से सतोष महतो आते हैं केवल उस समाज का ही वोट यहाँ करीब 75000 है जो किसी भी चुनाव के लिए निर्णायक परिणाम दे सकती है। अब देखना ये है कि क्या संतोष महतो नितीश कुमार के छपरा से ट्रम्प कार्ड साबित होते हैं या अतिपिछड़ा सम्मलेन केवल राजनितिक माईलेज बन कर रह जाएगा।
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