फिर से स्कूल खुलने वाले हैं ,
फिर से स्कूल खुलने वाले हैं ।
3 जुलाई की सुबह मचेगा गदर ,
भागेंगे सबरे इधर से उधर ।
सुबह – सुबह 5 बजे उठना पड़ेगा ,
जल्दी मंजन , स्नान करना पड़ेगा ।
साईकिल , मोटरबाइक या हो कार ,
हवा , पेट्रोल भरवाकर हो लो तैयार ।
छुट्टी के दिन निकलने वाले हैं ,
फिर से स्कूल खुलने वाले हैं ।
छुट्टी में सबरे बन गए थे नवाब ,
देर से उठकर आदत कर ली खराब ।
तुम जो इस आदत को न बदलोगे ,
तो अनुपस्थिति का दंश भोगोगे
लेट उठने के दिन लदने वाले हैं ,
फिर से स्कूल खुलने वाले हैं ।
40 दिन तुमने बड़ा आलस दिखाया ,
बेचारी सी खटिया को खूब सताया ।
नए-नए व्यंजन की करी खूब डिमांड ,
पलंग पर खा-खाकर हो गए हो सांड ।
ये 40 दिन तुमने मौज में बिताए हैं ,
बस टीवी रिमोट के बटन दबाए हैं ।
इस हेकड़ी के दिन जाने वाले हैं ,
फिर से स्कूल खुलने वाले हैं ।
फ्रिज का बड़ा चिल्ड पानी पिया है ,
AC , कूलर का भी आनन्द लिया है ।
पर अब तो पंखा भी नहीं मिलेगा ,
टपटप-टपटप खूब पसीना बहेगा ।
मास्टर की अब यही कहानी है ,
कड़ी धूप में बाइक चलानी है ।
रंग सबके काले पड़ने वाले हैं ,
फिर से स्कूल खुलने वाले हैं ।
