Sun Live News

क्या होता है जब कोई अपने शौक को बनाता है कैरियर, महज 21 की उम्र मे वर्ल्ड रिकॉर्ड मे दर्ज है नाम

Sun News

सपने उन्ही के पूरे होते है, जिनके सपनो मे जान होती है.
पँखो से कुछ नही होता, ऐ मेरे दोस्त!! होसलो से ही तो उड़ान होती है

खुली आंखों से अपने अंदाज में दुनिया को देखने वाले नई पीढ़ी के युवा ऐसे चमत्कार कर रहें हैं हम आज कल देखते है की प्रतिभा को सच में सलाम करने का जी करता है। सही मायनों में सफलता की इबारत आपकी उम्र से नहीं बल्कि आपके दृढ़ निश्चयी और मजबूत इरादों वाले परिपक्व दिमाग से लिखी जाती है किस्मत के साथ साथ आपको सही मायनो में मेहनत करने की आवस्यकता होती है. सपने उन्ही लोगो के पुरे होते हैं जिनके होसलो में जान होती है। जब कभी भी तकनीक की बात होती है तो भारत के इन युवा एवं होनहार दिग्गजों की गिनती अवश्य होती है। हमारे समाज में ऐसे कई युवा हैं, जिन्होंने कामयाबी की नई इबादत लिखते हुए पूरी दुनिया में शोहरत कमाया। इन युवाओं में कुछ ऐसे भी शख्स हैं, जिन्होंने अपने शौक को ही कैरियर बनाते हुए बेहद कम उम्र में ही इतनी उंचाई हासिल कर ली जितनी चेहरे पर झुर्रियां आने तक भी लोग नहीं कर पाते।

आज हम एक शख्स की कहानी लेकर आये हैं जिसनें महज 14 साल की उम्र में अपने शौक को ही अपना कैरियर बनाते हुए आगे बढ़ने का निश्चय किया। 16 साल की उम्र में इन्होंने एक ऐसा दमदार ऐप बनाया, जिसनें 20 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को डाउनलोड करने पर विवश कर दिया। 19 की उम्र में गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करते हुए 21 साल में एक अंतरराष्ट्रीय फर्म की आधारशिला रखने वाले इस बालक की कहानी से हमें काफी कुछ सीखने को मिलती है।

शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।

हम बात कर रहें हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त एक युवा हैकर, लेखक और साइबर सिक्यूरिटी सलाहकार मनन शाह के बारें में। मनन महज 21 वर्ष की उम्र में अवालांस नामक एक सिक्यूरिटी फर्म के संस्थापक और सीईओ हैं। पढ़ाई छोड़ अपने जुनून को हकीकत में बदलने वाले मनन आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त एथिकल हैकर की सूची में शूमार कर रहें हैं।

गुजरात के जंबूसर, भरुच के एक के मध्यम-वर्गीय परिवार में जन्में और पले-बढ़े मनन को बचपन से ही कंप्यूटर आदि में रुचि थी। 14 वर्ष की उम्र में मनन को अपने माता-पिता से उपहार के रूप में कंप्यूटर मिला, फिर उसके बाद तो उनकी रूचि परवान चढ़ गई। पूरे दिन कंप्यूटर के साथ तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट करते हुए इन्होंने सॉफ्टवेयर और प्रोग्रामिंग सीखने शुरू कर दिए। एक साल के भीतर ही वे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में माहिर हो गये। महज 16 की उम्र में उन्होंने ब्लैक एक्सपी नाम से एक सॉफ्टवेयर को विकसित किया जिसे विश्व में 20 लाख से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया। इस सफलता से मनन को अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली और उनके हौसले को एक नई उड़ान।

आकाश की तरफ देखिये। हम अकेले नहीं हैं। सारा ब्रह्माण्ड हमारे लिए अनुकूल है और जो सपने देखते हैं और मेहनत करते हैं उन्हें प्रतिफल देने की साजिश करता है।

कंप्यूटर से दिनों-दिन बढ़ती दोस्ती ने मनन का रुझान हैकिंग की ओर मोड़ दिया और फिर 17 साल की उम्र में इन्होंने एक फोरम वेबसाइट बना हैकिंग पर ब्लॉग लिखने शुरू कर दिए। धीरे-धीरे कंप्यूटर हैकिंग और क्रेकिंग से संबंधित इनके पोस्ट लोकप्रिय होते चले गये। 18 साल के होते-होते उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक इथिकल हैकर के रूप में जाना जाने लगा जो की अपनी आप में एक बहुत बड़ी बात है।

19 साल की उम्र में अपनी काबिलियत के बूते इन्होंने लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड और गिनीज विश्व रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुके है । इनके द्वारा विकसित की गई विंडोज ब्लैक एक्सपी को वैश्विक मंच पर करोड़ों लोगों ने इस्तेमाल करते हुए उसे एक लोकप्रिय प्रोडक्ट बना दिया एवं इनकी सफलता को लोगो ने काफी सराहा है। इतना ही नहीं मनन ने साइबर सुरक्षा और एथिकल हैकिंग पर अबतक चार पुस्तकें लिख चुके हैं। इन्होंने माइक्रोसॉफ्ट द्वारा सबसे मूल्यवान व्यावसायिक होने का खिताब भी अपने नाम कर चुके हैं।

मनन गूगल और माइक्रोसॉफ्ट द्वारा भारत की शीर्ष 10 हैकर्स की सूचि में शामिल हैं। इन्होंने अबतक कई साइबर सिक्यूरिटी मामलों का सफलतापूर्वक हल किया है। इसी कड़ी में इन्होंने XSS, CSRF, Metaspoilt और फ्रेमवर्क की भी छानबीन की। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि महज 20 साल में इन्होंने फेसबुक, नोकिया, ब्लैकबेरी, पेपल, स्काइप, ड्रॉपबॉक्स, गूगल, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, एडोब, साउंडक्लाउड, सैमसंग, जैसी कई दिग्गज कंपनियों के एप्लीकेशन में खामी ढूंढ उसे रिपोर्ट किया।

21 वर्ष की उम्र में मनन ने एक साइबर सिक्यूरिटी फर्म की आधारशिला रखते हुए ‘अवालांस ग्लोबल सॉल्यूशंस’ नाम से एक कंपनी बनाई। यह कंपनी एक साइबर सुरक्षा समाधान प्रदाता के रूप में काम करती है जो ग्राहकों को अपने वेब आधारित संसाधनों को सुरक्षित करने के लिए सक्षम बनाता है। अपनी कंपनी के बैनर तले मनन एथिकल हैकिंग और वेब सुरक्षा आधारित कार्यशालाओं और संगोष्ठियों का आयोजन भी करते हैं। इन्होंने माइक्रोसॉफ्ट, यूनिलीवर, सोल्वे, आल्सटॉम(जीई), नोवार्तिस और पीडब्ल्यूसी जैसी दिग्गज समूहों के साथ भी काम किया है।

इस कहानी की पढ़कर एक ही बात साबित होती है की हुनर उम्र का मोहताज नहीं होता और न हीं सफलता सिर्फ चेहरे की झुर्रियों से तय होती है। यदि मजबूत आत्मबल और दृढ़ इच्छाशक्ति से साथ आगे बढ़ें तो इस दुनिया में कुछ भी नामुमकिन नहीं है, उम्र तो महज़ एक दिखावा है जिसे हमने एक नंबर दे दिया है। किसी भी कार्य की सफलता आपकी अपनी लगन एवं मेहनत पर निर्भर करती है.

और इस लड़के की सफलता की कहानी तो इन्ही चीज़ो से साबित होती है की हम इनके बारें में लिख रहे है और आप पढ़ रहे है जय जवान जय किसान, ॐ नमः शिवाय

Exit mobile version