सृजन घोटाले के बाद 25 जिले सरकार के घेरे में, छुपा रहे अपने बैंक खातों का हाल

पटना

Srijan Scandal in Bhagalpur district in Bihar

सृजन घोटाले से सबक लेते हुए बैंक खातों को अप-टू-डेट करने की मुहिम चालु की गयी है।पर जिलों में तैनात योजना विभाग के अफसर ही पानी फेर रहे हैं। विभाग ने 25 अगस्त तक सभी जिलों से उनके यहां बैंक खातों के हाल का पूरा ब्योरा मांगा था।अब तक मात्र 13 जिलों ने ही बैंक खातों के हाल का रिपोर्ट भेजी है। योजना विभाग का विकास राशि को लेकर सालाना आवंटन लगभग 2000 करोड़ रुपए का रहता है। इसके माध्यम से एमपी लैड और मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की योजनाओ को पूरा कराया जाता है।

भागलपुर में सृजन घोटाला सामने आने के बाद मुख्य सचिव ने सभी जिलों में सरकारी बैंक खातों की जांच कराने का आदेश दिया। इसी के बाद तमाम विभागों ने अपने-अपने यहां पड़ताल शुरू की।

योजना विभाग के प्रधान सचिव डॉ.दीपक प्रसाद ने अर्थ सांख्यिकी निदेशालय के निदेशक, स्थानीय क्षेत्र विकास अभिकरण के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी, सांख्यिकी तंत्र विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक, आपदा पुनर्वास और पुनर्निमाण सोसाइटी के परियोजना निदेशक, मूल्यांकन निदेशालय के अपर निदेशक, राज्य योजना पर्षद के सहायक निदेशक, स्थानीय क्षेत्र विकास अभिकरण के मुख्य अभियंता,अधीक्षण अभियंता और कार्यपालक अभियंता, क्षेत्रीय योजना पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी और जिला सांख्यिकी पदाधिकारी से बैंक खातों, उसमें जमा रकम और उस पर मिले ब्याज की तक जानकारी मांगी है। विभागों को बारीकी से जांच करके यह भी बताना था कि क्या उनके किसी बैंक खाते से जालसाजी करके निकासी हुई है?

हालांकि समय सीमा बीच जाने के बाद भी अब तक मात्र अरवल, नवादा, शिवहर, भागलपुर, मुंगेर, बेगूसराय, वैशाली, सुपौल, औरंगाबाद, जहानाबाद,सीतामढ़ी, जमुई और बेतिया से ही रिपोर्ट मिली है। हालांकि इसमें से किसी भी जिले में गड़बड़ी की शिकायत नहीं है। अब विभाग के अपर निदेशक प्रमोद कुमार वर्मा ने 25 जिलों में तैनात अपने अफसरों को पत्र लिख कर याद कराया है कि रिपोर्ट भेजे जाने की समय सीमा पार कर चुकी है। जिलों को बिना उपयोग वाले बैंक खातों को बंद करने और किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर दोषी के खिलाफ एफआईआर करने का भी आदेश दिया है।

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